
गुकेश बने शतरंज के सबसे युवा विश्व चैंपियन
world chess champion Gukesh -भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार को विश्व शतरंज चैंपियनशिप के 14वें और अंतिम दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। लिरेन को हराकर वह सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने इतिहास रच दिया। 6.5 अंको के साथ खेल की शुरुआत हुई थी। अंतिम मैच भी ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था कि तभी लिरेन की एक गलती उनके लिए भारी पड़ गई और गुकेश को जीत दिला गई। भारतीय युवा स्टार ने लिरेन को 7.5-6-5 से हराकर विश्व खिताब अपने नाम किया। 12 साल के बाद किसी भारतीय ने इस खिताब पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल की है।
शतरंज की दुनिया की नई सनसनी 17 वर्षीय गुकेश ने अपने करियर में कई बार दुनिया को चौंकाया है। वह इस छोटी सी उम्र में कई रिकॉर्ड बना चुके हैं। वह 12 साल, सात महीने, 17 दिन की उम्र में भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए थे।
गुकेश ने 18 साल आठ महीने 14 दिन की उम्र में यह खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 22 वर्ष छह महीने 27 दिन की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश से पहले भारत के विश्वनाथन आनंद (2000-2002 और 2007-2013) विश्व शतरंज चैंपियन रहे। गुकेश के लिए साल का अंत शानदार रहा है। इस साल वे कई और खिताब जीते, जिनमें कैंडिडेट्स 2024 टूर्नामेंट और शतरंज ओलंपियाड शामिल है, जिसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।
डी गुकेश का पूरा नाम डोमाराजू गुकेश है और वह चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में सात मई, 2006 को हुआ था। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं तो वहीं मां पेश से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं। गुकेश ने सात साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर ने कोचिंग दी थी। इसके बाद खुद विश्वनाथन आनंद ने उन्हें चेस के खेल की जानकारी दी और उन्हें ट्रेनिंग दिया।